Sade Sati | साढ़ेसाती- (शनि की दृष्टि की कहानी):
हिन्दू सनातन धर्म में, मनुष्य की शनि ग्रह दशा के दुष्प्रभाव को, साढ़ेसाती (Sade Sati) कहा जाता है और इसी से प्रेरित होकर, धार्मिक कहानी लिखी गई है| मुझे पाठकों से आशा है कि, यह शनि की दृष्टि की कहानी आपको ज़रूर पसंद आएगी| काजल नाम की एक लड़की, अपने पति के साथ एक अपार्टमेंट में रहती थी| काजल का पति राहुल एक सॉफ़्टवेयर कंपनी में टीम लीडर के पद पर था| राहुल बचपन से ही बहुत आध्यात्मिक था, लेकिन उसके उलट, उसकी पत्नी काजल बिलकुल नास्तिक थी| वह ज़्यादातर रंगीन दुनिया में जीने की चाहत रखती थी, जिसे वह आज के हिसाब से सही समझती थी, हालाँकि इस बात को लेकर, दोनों के बीच में, कभी भी कोई अनबन नहीं थी| दोनों अपने जीवन में बहुत ख़ुश थे| एक दिन सुबह सुबह राहुल TV में धार्मिक कार्यक्रम देख रहा था, जिसमें साढ़ेसाती (Sade Sati) काल के बारे में बताया जा रहा था| उसी समय काजल चाय नाश्ता लेकर आती है और राहुल के बग़ल में बैठ कर, चाय पीने लगती है और थोड़ी ही देर में वह, राहुल से चाय पीते हुए कहती है, “क्या सुबह से बोर कर रहे हो” और उसी समय TV का रिमोट उठाकर चैनल बदल देती है| राहुल को काजल का बर्ताव अच्छा नहीं लगता| वह काजल से कहता है, “क्या तुम साढ़ेसाती (Sade Sati) की महादशा के बारे में कुछ जानती हो, जो तुमने उसे बकवास समझ लिया| धर्म की बातें समझने के लिए, आस्था लगती है, लेकिन तुम तो बिलकुल नास्तिक हो, लेकिन तुम्हें किसी और की भावनाओं को तक़लीफ़ देने का हक़ नहीं है”| काजल को राहुल की बात से, ग्लानि महसूस होती है और वह राहुल से माफ़ी माँगते हुए, वही शनि भगवान का कार्यक्रम TV में दोबारा से लगा देती है| राहुल काजल को बहुत प्यार करता था| वह मुस्कुराते हुए कहता है, “अरे कोई बात नहीं, चलो आज शनि मंदिर चलते हैं”| वैसे काजल को मंदिर जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन वह राहुल का दिल रखने के लिए, मंदिर जाने को तैयार हो जाती है| दोनों एक साथ बाइक में मंदिर पहुँच जाते है| मंदिर के आस पास बहुत सी छोटी छोटी दुकानें लगी होती है| दुकानों में भक्त अपनी अपनी पसंद की चीज़ें ख़रीद रहे होते हैं| राहुल प्रसाद ख़रीद कर, मंदिर की तरफ़ चलने लगता है| वही सीढ़ियों पर एक बाबा, काले कपड़े पहने बैठे हुए थे| राहुल उनके कटोरे में कुछ पैसे डाल देता है और काजल के साथ मंदिर चला जाता है| मंदिर में शनि भगवान के दर्शन करने के बाद, पुजारी से प्रसाद लेकर, दोनों सीढ़ियों से नीचे उतरने लगते हैं और जैसे ही वह, नीचे आते हैं| वही बाबा काजल को देखकर कहते हैं, “बेटी अपना ध्यान रखना”| काजल बाबा को प्रणाम करके, राहुल के साथ घर आ जाती है| दरअसल बाबा बहुत तेजस्वी थे, उन्होंने काजल को देखते ही महसूस कर लिया था कि, उनके ऊपर शनि की दृष्टि पड़ चुकी है, जिससे उसका साढ़ेसाती (Sade Sati) शुरु हो चुका है और उसके जीवन में संकट के बादल घिर गए हैं|
काजल के घर पहुँचते ही, उसके सर में दर्द होने लगता है| काजल राहुल से कहती है, “आप थोड़ा मेरे लिए चाय बना लीजिए| मेरे सर में बहुत दर्द है”| राहुल काजल के लिए चाय बनाकर ले आता है| राहुल को ऑफ़िस जाना होता है, इसलिए वह तैयार होकर, जल्दी निकल जाता है| काजल घर के काम ख़त्म करके, दोपहर को सो जाती है| शाम को राहुल अपने ऑफ़िस से घर आता है| काजल तब तक सो ही रही होती है| राहुल काफ़ी देर तक, दरवाज़ा खटखटाता है, लेकिन काजल गहरी नींद में थी| उसे दरवाज़े में किसी की आहट सुनाई नहीं दे रही थी| राहुल काजल को फ़ोन लगाता है| फ़ोन की घंटी सुनकर, काजल अचानक नींद से जाग जाती है और जैसे उसे पता चलता है, कि राहुल दरवाज़े पर खड़ा है, वह जल्दी से जाकर दरवाज़ा खोलती है| राहुल काजल से प्यार से पूछता है, “क्या कर रही थी| इतना टाइम क्यों लग गया”? काजल आँख मींचते हुए कहती है, “पता नहीं कैसे? इतनी ज़्यादा नींद लग गई कि आपकी आवाज़ सुनाई ही नहीं दी”| राहुल अपना सामान रखकर, बाथरूम में फ़्रेश होने चला जाता है| उसी समय राहुल के मोबाइल में एक मैसेज आता है| काजल की नज़र, अचानक मोबाइल पर पड़ती है, उसमें दिल के निशान के साथ, प्यार भरा संदेश दिखाई देता है| मैसेज (संदेश) देखते ही, काजल के रोम रोम में, आग लग जाती है, क्योंकि वह अपने पति से बहुत प्यार करती थी और यदि वह बेवफ़ा निकले तो, उसे बर्दाश्त नहीं होगा| काजल की आँखों से, आँसू निकल आते हैं| उसी समय राहुल बाथरूम से बाहर निकल आता है| काजल तुरंत उसका फ़ोन रख देती है और अपने आपको क़ाबू में करके, अपने कमरे में चली जाती है| वह सोच रही थी कि, अगर राहुल उसे ख़ुद इस मैसेज के बारे में बताएगा, तो ठीक है, नहीं तो वह इसके बारे में, कभी बात नहीं करेगी और उसकी ज़िंदगी से हट जाएगी| दोनों के प्यार को ग्रहण लग चुका था| साढ़े साती काल ने काजल को, अपनी गिरफ्त में ले लिया था| काजल का स्वभाव बदलने लगा था| वह अपने पति पर श़क करने लगती है, जिसके चलते उसके रिश्तों में दरार आ चुकी थी| कुछ दिनों के अंदर, दोनों के बीच में झगड़े होने प्रारंभ हो जाते हैं| राहुल, काजल को समझाने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन काजल के दिमाग़ में, वही मैसेज घूम रहा होता है| वह राहुल की किसी भी बात पर भरोसा नहीं कर पा रही थी| राहुल काजल को ख़ुश करने के लिए, उससे कहता है, “चलो मंदिर चलते हैं और वही से बाज़ार घूमने चलेंगे| आज कुछ कपड़े ख़रीदते हैं” लेकिन काजल ग़ुस्से में, वहाँ से उठकर चली जाती है| राहुल अकेले ही, मंदिर चल देता है| राहुल को दोबारा, वही बाबा मंदिर की सीढ़ियों में फिर से दिखाई देते हैं| वह राहुल को देखते ही, उसे अपने पास बुलाते हैं| राहुल हाथ जोड़कर, बाबा के सामने जाकर खड़ा हो जाता है| बाबा कहते हैं, बेटे तुम्हारे जीवन में संकट दिखाई दे रहा है|
क्या तुम ठीक हो”? राहुल कई दिनों से, काजल से परेशान था| वह बाबा के सामने बैठ कर, अपनी समस्या बताने लगता है, हालाँकि बाबा, काजल के साढ़ेसाती (Sade Sati) योग के बारे, में पहले से परिचित थे, इसलिए वह राहुल को, काजल के ऊपर आए हुए संकट के बारे में बता देते हैं और कष्ट से मुक्ति के लिए, उपाय बताते हुए, कहते हैं कि, “तुम्हारी पत्नी को शनि भगवान की विशेष पूजा करनी होगी, जिसके बाद वह सामान्य स्थिति में आ जाएगी”| राहुल भगवान का दर्शन करने के बाद, घर पहुँचते ही, काजल से कहता है, “आज मंदिर में वही बाबाजी मिले थे| उन्होने बताया कि, तुम्हारा साढ़ेसाती (Sade Sati) योग चल रहा है, इसलिए तुम्हारे जीवन में चिंता बनी रहती है| तुम शनि भगवान की पूजा करो, उससे सब ठीक हो जाएगा”| काजल अचानक राहुल से कहती है कि, “मेरी समस्या की वजह तो तुम हो”| राहुल पूछता है, “कैसे”? लेकिन काजल बात को यहाँ वहाँ घूमा देती है| राहुल काजल को इस बार ज़ोर देते हुए कहता है कि, हर शनिवार को तुम, शनि भगवान की पूजा शुरू कर दो, लेकिन काजल राहुल को मना कर देती है और ग़ुस्से में कहती है, “तुम मुझे किसी काम के लिए मजबूर मत करो| मैं इन सब बातों पर विश्वास नहीं करती”| राहुल को समझ में नहीं आ रहा था कि, वह अपनी पत्नी को शनि के प्रकोप से कैसे बचाएँ| वह दोबारा मंदिर की तरफ़ जाता है और बाबा को ढूँढने लगता है, लेकिन बाबा वहाँ से जा चुके होते हैं और अब वह, अगले हफ़्ते यानी, अगले शनिवार ही, यहाँ आएंगे| राहुल के पास तब तक का वक़्त नहीं था, क्योंकि वह समझ चुका था कि, अगर यह सब ठीक नहीं हुआ तो, काजल और उसका रिश्ता टूट जायेगा| वह काजल से बहुत प्यार करता था| वह उसके बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता था| राहुल मंदिर में पुजारी जी से, बाबा के बारे में जानकारी लेता है, लेकिन पुजारी जी को, बाबा के बारे में कुछ पता नहीं था| वह कहते हैं, “बेटा मैं यहाँ सुबह से आता हूँ लेकिन मैंने आज तक, किसी बाबा को सीढ़ियों पर बैठे नहीं देखा| पता नहीं तुम किसकी बात कर रहे हो”| राहुल को ताज्जुब होता है, क्योंकि वह दो बार, बाबा को मिल चुका था| वह शनि भगवान के सामने हाथ जोड़कर कहता है, “प्रभु मुझे बाबा से मिलना है और इतना कहते ही, राहुल मंदिर से नीचे उतरने लगता है| अचानक सीढ़ियों में उसके सामने बाबा प्रकट हो जाते हैं और उसे एक शनि भगवान की मूर्ति देते हैं और कहते हैं, “इसे अपने घर में रख लेना और इन्हें तेल से स्नान कराना| तुम्हारा कल्याण होगा” और इतना कहते ही, बाबा अचानक राहुल के सामने से ओझल हो जाते हैं| राहुल को समझ जाता है| यह कोई साधारण बाबा नहीं, बल्कि तेजस्वी आत्मा है| राहुल अपने घर पहुंचकर, शनि भगवान की मूर्ति स्थापित कर देता है|
राहुल जैसे ही, वह मूर्ति को तेल से स्नान कराता है, काजल पीछे से आकर ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगती है और कहती है, “ख़ुद चरित्रहीन होकर, ये ढोंग मत करो| अपनी गलती छुपाने के लिए, तुम शनि भगवान का सहारा ले रहे हो| अपने आप को आईने में देखो, तो पता चलेगा कि, तुम कितने घटिया इंसान हो| काजल कि इतनी अभद्र बातें सुनते ही, राहुल के पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है| उसने उम्मीद भी नहीं की थी कि, काजल उससे कभी इस लहज़े से बात करेगी| राहुल शांत स्वभाव का था| वह काजल को शांत करते हुए पूछता है, “क्या हुआ काजल? आराम से बात करो”| काजल तुरंत उसका मोबाइल लाकर, वही मैसेज उसके सामने रख देती है| राहुल काजल से पूछता है, “यह क्या है”? काजल तुरंत कहती है, “तुम बताओ, यह क्या है और कौन है? जिसने तुम्हें यह मैसेज भेजा है”| राहुल काजल की बात सुनकर मुस्कुराने लगता है और कहता है, “अरे पागल यह मैसेज, उस लड़की ने मुझे नहीं भेजा था, बल्कि कंपनी में काम कर रहे, मेरी टीम के एक लड़के ने, उस लड़की को भेजा था और उस लड़की ने, मुझसे उसकी शिकायत करने के लिए, वह मैसेज मुझे फॉरवर्ड किया था”| यह बात सुनते काजल का दिमाग़ शून्य हो जाता है| उसे कुछ समझ नहीं आता| वह ज़मीन पर बेसुध होकर बैठ जाती है| राहुल उसके बग़ल में बैठकर उसका हाथ पकड़कर पूछता है, “क्या तुम इतने दिनों से, इस मैसेज की वजह से मुझसे झगड़ा रही हो| तुम पागल तो नहीं हो गई| एक बार मुझसे पूछ तो लिया होता| मैं तुम्हारे अलावा किसी और लड़की के बारे में सोच भी नहीं सकता”| काजल ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है और राहुल के गले लग जाती है| अनजाने में ही सही, लेकिन शनि भगवान की कृपा से, काजल को साढ़ेसाती (Sade Sati) योग से छुटकारा मिल जाता है| दोनों के जीवन में फिर से खुशियों को न्योता मिल चुका था| शनि भगवान के विराजमान होते ही, दोनों के बीच झगड़े की वजह ही समाप्त हो चुकी थी और उनके जीवन में, खुशियों ने फिर से दस्तक देना शुरू कर दिया था और दोनों के जीवन के कष्टों की समाप्ति के साथ ही, धर्म की यह कथा समाप्त भी हो जाती है|
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Shiv Mahima | शिव महिमा । bhagwan ki kahani